वैज्ञानिकों का कहना है कि उचित मात्रा में नमक खाने से कार्डियोवैस्क्यूलर यानी दिल की धमनियों से जुड़ी बीमारियों की आशंकाओं को 25 फ़ीसदी और दिल की अन्य घातक बीमारियों को 20 फ़ीसदी तक कम किया जा सकता है.
हर दिन छह ग्राम नमक तक का सेवन एक सामान्य शरीर के लिए पर्याप्त माना जाता है.
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल' के अध्ययन से नमक के सेवन और दिल की बीमारियों के बीच के सबंध का पता लगा है और इससे होने वाली हानि का आकलन भी किया गया है.
बोस्टन की एक अमरीकी टीम ने सामान्य उच्च रक्त-चाप वाले 3126 लोगों का अध्ययन किया.
अध्ययन के दौरान इन लोगों ने नमक की मात्रा को 25 से 35 फ़ीसदी तक कम किया यानी हर रोज़ 10 ग्राम नमक खाने वाले ने सात ग्राम नमक खाया.
जिन्होंने नमक की मात्रा कम की उन्हें दिल की बीमारियों की आशंका कम हो गई.
नमक की मात्रा
लंदन के सेंट जॉर्ज अस्पताल में कार्डियोवैस्क्यूलर औषधि के सलाहकार और नमक पर बने 'कंसेन्सस ऐक्शन ग्रुप' के अध्यक्ष प्रोफेसर ग्राहम मकग्रेगर ने कहा,"इस अध्ययन से पता चलता है कि अगर लोग अपने खाने में नमक की मात्रा घटाएँ तो वे दिल के दौरे और दिल की ऐसी ही अन्य गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं."
उन्होंने कहा, "हमारे ध्यान में खाद्य पदार्थ बनाने वाली कंपनियाँ हैं जिन्हें अपने उत्पादों में नमक की मात्रा घटानी चाहिए."
"जो खाना हम खरीदते हैं उसमें हमारी ज़रूरत का तीन-चौथाई नमक पहले से ही होता है. ब्रिटेन में लोग औसतन नौ ग्राम का सेवन करते हैं."
वैज्ञानिकों का कहना है कि हर खाद्य पदार्थ पर सोडियम की मात्रा लिखी होती है. सोडियम की मात्रा का ढाई गुना नमक उस खाद्य पदार्थ में होता है.
'फूड स्टैंडर्ड एजेंसी यानी' खाद्य पदार्थों का मानक तय करने वाली संस्था ने कहा है कि वो उद्योग जगत से उपभोक्ताओं को स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित करेंगे.
1 Comments