मधुमेह (शुगर, डायबिटीज, चीनी रोग)

मधुमेह (शुगर, डायबिटीज, चीनी रोग) एक पुरानी बीमारी है जो व्यक्ति के साथ आजीवन रहती है। इसके कारण शरीर में इंसुलिन का कम उत्पादन होता है या इंसुलिन रहता ही नहीं है।
Classification
मधुमेह को दो श्रेणियों में रखा गया है – टाइप 1 मधुमेह (Type I Diabetes) का मतलब है शरीर का इंसुलिन ना बना पाना और टाइप 2 मधुमेह (Type II Diabetes) का मतलब है शरीर में इंसुलिन की मात्रा काफी ना होना या उपस्थित इंसुलिन का सही तरीके से इस्तेमाल ना हो पाना, जिसके कारण ग्लूकोज़ कोशिकाओं में नहीं जाता है और रक्त में उसकी मात्रा बढ़ जाती है।टाईप 1 मधुमेह एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर (Autoimmune Disorder) है, इसमें शरीर की श्वेत कोशिकाएं अग्नाशय की इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देती हैं। इसलिए टाइप 1 रोगियों को इंजेक्शन के माध्यम से अपने रक्त में इंसुलिन को तर करना होता है। टाइप 2 मधुमेह में शरीर में उत्पादित इंसुलिन का सही उपयोग नहीं हो पता है। शरीर में इंसुलिन की अतिरिक्त मात्रा के कारण अग्नाशय इंसुलिन नही बनाता है। इसलिए टाईप 2 के रोगी मौखिक दवाओं और उचित जीवन शैली पर निर्भर रह सकते हैं।मधुमेह समझने से पहले, हमें ये समझना होगा कि मधुमेह के अभाव में कैसे हमारा शरीर कार्य करता है या हमारे शरीर में ग्लूकोज़ का चयापचय कैसे होता है।कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा देने वाले भोजन के रूप में माना जाता है और हमारे भोजन के एक महत्वपूर्ण भाग में कार्बोहाइड्रेट होता है। हम जब कार्बोहाइड्रेट खाते हैं, वो पेट में जाकर ऊर्जा में बदलता है जिसे ग्लूकोज़ कहते हैं। इस ऊर्जा को हमारे शरीर में मौजूद लाखों कोशिकाओं के अंदर पहुँचना होता है ताकि हमारी कोशिका ग्लूकोज़ को जला कर शरीर को उर्जा पहुँचाएं। ये काम तभी संभव है जब हमारे अग्न्याशय पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन उत्पन्न करें। इंसुलिन एक हार्मोन है जो आपके शरीर में कार्बोहाइड्रेट और वसा के चयापचय को नियंत्रित करता है। बिना इंसुलिन के ग्लूकोज़ कोशिकाओ में प्रवेश नहीं कर सकता है और रक्त वाहिकाओं में एकत्रित हो जाता है। ऐसे में व्यक्ति को वो शक्ति नहीं मिल पाती जो उसे चाहिए और व्यक्ति व्यक्ति मधुमेह से ग्रस्त हो जाता है।
शुगर (मधुमेह, डायबिटीज) के लक्षण
मधुमेह के दौरान आपका शरीर आमतौर पर निर्जलित हो जाता है। निर्जलीकरण में आपको बहुत प्यास लगती है।रक्त में अतिरिक्त शुगर की उपस्थिति के कारण गुर्दे रक्त को साफ करने के लिए अधिक काम करने लगते हैं और मूत्र के द्वारा अतिरिक्त शुगर को शरीर से बाहर निकालते हैं। इस कारण बार बार पेशाब आता है। अत्यधिक प्यास लगना और बार बार पेशाब आना यह मधुमेह होने के प्रमुख लक्षण हैं।कोशिकाओं में ग्लूकोज़ नही पहुंचने के कारण शरीर की ऊर्जा आपूर्ति पूरी तरह से नही हो पाती है और मधुमेह का रोगी हमेशा थकान महसूस करता है और उसे जल्दी भूख लगने लगती है।मधुमेह से पीड़ित दोनों पुरुषों और महिलाओं को हाथ और पैर की उंगलियों के बीच, सेक्स अंगों के आसपास और स्तन के नीचे यीस्ट इनफ़ेक्शन हो सकता है।यदि रक्तधारा में रक्त शर्करा का स्तर ठीक से संतुलित नहीं होता है, तब यह तंत्रिका या किसी भी अंग की क्षति का कारण बन सकता है जिससे आपके शरीर के घावों को ठीक होने में मुश्किल होती है।वज़न में कमी, मतली और उल्टी, बाल गिरना, धुँधली दृष्टि, त्वचा का सूखापन या खुजली होना मधुमेह के कुछ अन्य लक्षण हैं। अगर इसका समय से इलाज़ ना किया जाए तो गुर्दे की विफलता, दिल का दौरा या स्ट्रोक, अंधापन, तंत्रिका क्षति आदि के रूप में गंभीर जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है।यह एक सामान्य धारणा है कि चीनी मधुमेह का कारण है, लेकिन मधुमेह के पीछे का असली कारण स्टार्च है। पाचन के दौरान, स्टार्च ग्लूकोज़ में टूट जाता है जो चीनी का एक प्रकार है। इसलिए मधुमेह के रोगी चीनी खा सकते हैं पर उचित मात्रा में। अपने आहार में अपने कार्बोहाइड्रेट को नियंत्रित कर अपने मधुमेह को नियंत्रित करें।मधुमेह से बचाव का सबसे बढ़िया तरीका है इसकी जानकारी रखना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना।
शुगर (मधुमेह, डायबिटीज) के कारण और जोखिम कारक - 
आनुवंशिकी - Diabetes Caused by Genetics 
व्यायाम की कमी - Lack of Exercise Causes Diabetes 
मोटापा है मधुमेह रोग का कारण - Diabetes Due to Obesity 
इंसुलिन में परिवर्तन - Insulin Resistance Causes Diabetes 
गर्भावस्था भी हैं शुगर होने के कारण - Causes Gestational Diabetes Pregnancy 
उम्र से संबंधित है मधुमेह का कारण - Diabetes Related to Age 
आनुवंशिकी भी हैं मधुमेह के कारण शोधकर्ता मधुमेह के विकास में आनुवंशिकी की भूमिका को पूरी तरह से समझ नहीं पाएँ हैं। अगर माता पिता को मधुमेह है तो यह उनके बच्चों को भी प्रभावित कर सकता है। आनुवांशिकी यह निर्धारित करने में एक भूमिका निभाती है कि आपमें मधुमेह के विकास की कितनी संभावना है।
डायबिटीज के कारण हैं व्यायाम की कमी -
व्यायाम मांसपेशियों के ऊतक इंसुलिन को बेहतर प्रतिक्रिया देता है। यही कारण है कि नियमित रूप से एरोबिक व्यायाम और प्रतिरोध प्रशिक्षण (resistance training) आपके मधुमेह के जोखिम को कम कर सकते हैं। व्यायाम योजना के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें, जो आपके लिए सुरक्षित है।
शुगर के कारण हैं खराब आहार का सेवन -खराब पोषण टाइप 2 मधुमेह में योगदान कर सकता है। कैलोरी, वसा और कोलेस्ट्रॉल में उच्च आहार आपके इंसुलिन के प्रतिरोध को बढ़ा देता है।
मोटापा है मधुमेह रोग का कारण - शरीर में अतिरिक्त चर्बी इंसुलिन बाधा पैदा कर सकती है। फैटी टिशू सूजन पैदा कर सकते हैं जिससे इंसुलिन बढ़ सकता है। लेकिन कुछ अधिक वजन वाले लोगों में मधुमेह का विकास नहीं होता है इसलिए मोटापे और मधुमेह के बीच के संबंध को लेकर अधिक शोध की आवश्यकता है।
डायबिटीज होने के कारण हैं इंसुलिन में परिवर्तन - इंसुलिन उत्पादन का अभाव टाइप 1 मधुमेह हो सकता है। ऐसा तब होता है जब इंसुलिन उत्पादन करने वाली कोशिकाएं क्षतिग्रस्त या नष्ट हो जाती है और इंसुलिन का उत्पादन बंद हो जाता है। रक्त शर्करा को पूरे शरीर में स्थानांतरित करने के लिए इंसुलिन की आवश्यकता होती है। परिणामस्वरूप इंसुलिन की कमी रक्त में बहुत अधिक चीनी छोड़ देती है जो ऊर्जा के लिए कोशिकाओं में पर्याप्त नहीं है।इंसुलिन प्रतिरोध टाइप 2 मधुमेह हो सकता है। यह तब होता है जब इंसुलिन सामान्य रूप से अग्न्याशय में उत्पन्न होता है, लेकिन शरीर ऊर्जा के लिए कोशिकाओं में ग्लूकोज को ले जाने में असमर्थ होता है। शरीर के प्रतिरोध को दूर करने के लिए अग्न्याशय अधिक इंसुलिन पैदा करता है लेकिन कोशिकाएं इंसुलिन को आगे नहीं भेज पाती है। जो टाइप 2 मधुमेह का कारण बनता है।
गर्भावस्था भी हैं शुगर होने के कारण - गर्भवती महिलाओं का एक छोटा प्रतिशत गर्भावधि (gestational) मधुमेह विकसित कर सकता है। ऐसा अनुमान है कि गर्भनाल में विकसित हार्मोन शरीर के इंसुलिन प्रतिक्रिया में हस्तक्षेप करते हैं। यह रक्त में इंसुलिन प्रतिरोध (resistance) और ग्लूकोज के उच्च स्तर की ओर जाता है। गर्भावस्था के दौरान गर्भावधि मधुमेह वाली महिलाओं को बाद में टाइप 2 मधुमेह के विकास के लिए अधिक जोखिम है।
उम्र से संबंधित है मधुमेह का कारण - एक शोध के अनुसार, उम्र बढ़ने के साथ-साथ टाइप 2 डायबिटीज के विकास का जोखिम भी बढ़ता है। विशेष रूप से 45 साल की उम्र के बाद। हालांकि बच्चों, टीनेजर और युवाओं में टाइप 2 डायबिटीज की घटनाएं अधिक बढ़ रही हैं। उम्र की वजह से कम व्यायाम, मांसपेशियों में कमी और वज़न कम आदि इसके संभावित कारण है।

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