वैसे तो दुनिया भर के एक्सपर्ट्स ओमिक्रॉन को एक माइल्ड इन्फेक्शन बता रहे हैं, लेकिन इससे रिकवर होने के बाद भी लोगों को शरीर में दर्द और हरारत का सामना करना पड़ रहा है। अधिकतर मरीज पीठ और कमर में गंभीर दर्द की शिकायत कर रहे हैं। डॉक्टरों की मानें तो इस तरह के मामले हर दिन बढ़ते ही जा रहे हैं।
कितना गंभीर है ये पीठ दर्द?
- फिजीशियन डॉ. हेमंत ठाकर के अनुसार, जिस तरह लोगों को डेंगू होने पर शरीर में असहनीय दर्द होता है, ओमिक्रॉन के मरीजों को रिकवरी के बाद उसी तरह का पीठ दर्द हो रहा है।
- जेजे हॉस्पिटल के डॉ. हेमंत गुप्ता का कहना है कि जिन लोगों को पहले से ही पीठ और कमर दर्द होता है, ओमिक्रॉन होने पर उनकी ये परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती है। संक्रमण से रिकवर होने के बाद भी वे इस दर्द से जल्दी रिकवर नहीं हो पाते।
- मुंबई के ग्लोबल हॉस्पिटल के डॉ. हरीश चाफले के अनुसार, वायरल इन्फेक्शन के दौरान शरीर में दर्द और हरारत होना आम बात है। हालांकि ओमिक्रॉन होने पर लोग पीठ और कमर दर्द की शिकायत रिकवरी के बाद भी कर रहे हैं। ज्यादातर मरीज इस दर्द को कमजोरी का नाम देते हैं।
डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन में दर्द ज्यादा गंभीर
डॉ. चाफले कहते हैं कि ओमिक्रॉन रिकवरी के बाद पीठ दर्द होने की वजह का पता जीन सीक्वेंसिंग करके ही लगाया जा सकता है। चूंकि ये प्रक्रिया काफी महंगी होती है, इसलिए ओमिक्रॉन के पोस्ट-रिकवरी दर्द के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। हो सकता है कि इस वैरिएंट से शरीर की मांसपेशियों में ज्यादा सूजन आ जाती है, लेकिन इसकी पुष्टि करने के लिए अभी इस पर रिसर्च बाकी है।
डॉ. चाफले के मुताबिक, सही समय पर इस दर्द का इलाज नहीं किया गया तो ये आगे जाकर लॉन्ग-टर्म दर्द बन सकता है। इससे भविष्य में पॉश्चर संबंधित समस्याएं भी हो सकती हैं, इसलिए कोविड रिकवरी के बाद होने वाले पीठ दर्द को नजरंदाज बिलकुल न करें।
फिलहाल डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले ओमिक्रॉन के मामलों में शारीरिक दर्द ज्यादा देखा जा सकता है। इसकी एक वजह ये भी हो सकती है कि ये वैरिएंट हमारे मांसपेशियों के ढांचे पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, लेकिन इतनी जल्दी कुछ भी कहना उचित नहीं होगा।
ओमिक्रॉन रिकवरी के बाद पीठ दर्द से छुटकारा कैसे पाएं?
तीसरी लहर के वक्त अपना ज्यादातर समय घर के अंदर बिताने के कारण हमारे शरीर में विटामिन D3 की कमी हो गई है। ये कमर दर्द होने की एक मुख्य वजह हो सकता है। डॉ. चाफले का कहना है कि सबसे पहले शरीर में विटामिन D3 की मात्रा का पता लगाएं। कमी होने पर इसके सप्लिमेंट लें। शरीर में कैल्शियम की कमी को भी पूरा करें। आप इन टिप्स को फॉलो कर सकते हैं...
1. क्वारैंटाइन पीरियड के दौरान चलते-फिरते रहें। बॉडी की रेगुलर स्ट्रेचिंग भी करें।
2. पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए घर पर ही हल्के-फुल्के व्यायाम करें।
3. बैठते समय अपने पॉश्चर पर ध्यान दें।
4. दर्द होने पर उस हिस्से की मसाज करें।
5. ऑनलाइन फिजियोथेरेपिस्ट की मदद भी ले सकते हैं।
6. अपने शरीर को पूरा आराम दें। जल्दबाजी में कोई काम न करें।
7. शरीर को हाइड्रेट रखें। पानी, सूप, जूस का सेवन ज्यादा करें।
8. ज्यादा दर्द होने पर खुद से कोई दवा न लें। डॉक्टर की सलाह पर ही इलाज करें।
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