बच्चों में बढ़ रहा है मधुमेह का रोग

अहमदाबाद। क्या आप जानते है कि तनाव के कारण मधुमेह पीड़ित बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है। माता-पिता बच्चों को पढ़ाई के साथ अन्य क्षेत्रों में भी आगे बढ़ाने के लिए उन पर दबाव डालते हैं। परिणामस्वरूप बच्चे तनाव में रहते हैं और मधुमेह के शिकार होते हैं।मधुमेह विशेषज्ञ संजीव पाठक ने मंगलवार को ‘सैनोफी-एवेनटीस डिस्पोजेबल इंसुलिन पेन’ को पेश करते हुए कहा कि, “तनाव मधुमेह का मुख्य कारण है। तनाव के दौरान फास्ट फूड खाने वाले दूसरी कक्षा के छात्र भी मधुमेह के शिकार हो सकते हैं।”
वह कहते हैं कि, “बच्चों को खेलने के लिए प्रेरित करने की बात करते हुए अभिभावक उन्हें जानी-मानी टेनिस खिलाड़ी स्टेफी ग्राफ बना देना चाहते हैं। यह बच्चों में तनाव पैदा करता है जिससे वे मधुमेह से पीड़ित हो जाते हैं।”देश में तीन करोड़ से ज्यादा मधुमेह मरीज हैं। ‘सैनोफी-एवेनटीस’ पहले से भरा ‘डिस्पोजिबल इंसुलिन पेन’ है जिसे ‘सोलोस्टार’ कहते हैं। यह ‘हाइपरग्लाईसेमिया के टाइप 1’ और ‘टाइप 2’ मधुमेह के उपचार में प्रयोग किया जाता है। गुजरात में इसकी कीमत 884 रुपए हैं।
‘सैनोफी-एवेन्टीस कार्डियो-मेटाबोलिज्म’ व्यवसाय इकाई के वरिष्ठ निदेशक सुशील उमेश कहते हैं कि, “सोलोस्टार आसानी से प्रयोग किया जाने वाला इंसुलिन पेन है। यात्रा के दौरान भी मरीज आसानी से इसे अपनी जेब में ले जा सकता है। चिकित्सकों और नर्सों द्वारा इस पेन को मधुमेह मरीजों की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।”पाठक ने आगे कहा कि आनुवांशिक रूप से गुजरात में मधुमेह होने की सम्भावना ज्यादा कही जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को इंसुलिन का प्रयोग करने में शर्म महसूस नहीं होनी चाहिए। यह दवा नहीं है। शरीर की जरूरतों को यह पूरा करता है।

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