हार्ट अटैक किसी भी वक्त हो सकता है, लेकिन सर्दी के दिनों में दिल के मरीजों में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। अध्ययनों से यह भी पता चला है कि सुबह और पूर्णिमा पर हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। हार्ट केअर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और आईएमए अकादमी ऑफ मेडिकल स्पेशिएलिटीस के चेअरमैन डॉ. के के अग्रवाल ने बताया कि गर्मी की तुलना में सदिर्यों में पूरी दुनिया में 50 फीसदी से ज्यादा हार्ट अटैक होते हैं। सभी हार्ट अटैक में से 8 फीसदी की मौत हो जाती है। सर्दी के दिनों में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है ओर नब्ज भी तेज हो जाती है। सुबह सवेरे काली चाय, सिगरेट पीना, नियमित तौर पर दवा न लेना और जल्दबाजी और गुस्से की वजह से जानलेवा हार्ट अटैक हो सकता है। सभी हाई कोलेस्ट्रॉल (खून में ज्यादा चर्बी) और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को चाहिए कि वे अपने डॉक्टर से सलाह लें और ठंड के दिनों में जरूरी दवाएं लें। डॉक्टर इन दिनों दवा की डोज बढ़ा सकता हैं या फिर दवा शाम को देकर सुबह में होने वाले खतरे को कम कर सकते हैं। अचानक तापमान में बदलाव और ठंड की वजह से हार्ट अटैक हो सकता है। मुंबई और बंगलूर जैसे औसत तापमान वाले शहरों से दिल्ली आने वाले लोगों को कम तापमान के कारण, हार्ट अटैक का खतरा हो सकता हैं। डॉ. अग्रवाल की सलाह है कि हर घर में पानी में घुलनशील एस्प्रिन रखनी चाहिए। हार्ट अटैक के दौरान 300 एमजी की टेबलेट लेने पर हृदयाघात से मौत की आशंका 20 फीसदी तक कम हो जाती है।
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