प्याज रसोई में इस्तेमाल होने वाली सामान्य चीज है। लेकिन क्या आपको पता है कि यह मामूली-सी समझी जाने वाली चीज आपको दिल की कई बीमारियों से बचा सकती है। एक नई स्टडी इसी ओर इशारा करती है।
इसके मुताबिक प्याज 'क्वेरसेटिन' नामक तत्व का बढि़या स्त्रोत है। ऐसे भोजन जिसमें कंपाउंड्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हों, उन्हें 'फ्लेवोनॉइड्स' के नाम से जाना जाता है और इसके सेवन से दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। ब्रिटेन स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ फूड रिसर्च की एक टीम ने अपनी स्टडी में 'क्वेरसेटिन' नामक कंपाउंड पर अपना ध्यान केंद्रित किया जो मुख्य रूप से चाय, प्याज, सेब और रेड वाइन में पाया जाता है। स्टडी में क्वेरसेटिन के टूटने के बाद शरीर पर पड़ने वाले इसके असर का परीक्षण किया। पाया गया कि यह पुराने सूजन को कम करने में मददगार होता है, जो धमनियों को कमजोर कर सकता है।
रिसर्च में पाया गया कि कंपाउंड्स की थोड़ी मात्रा, जोकि 100 से 200 ग्राम प्याज खाने से प्राप्त किया जा सकता है, सूजन को कम करने में बेहद असरदार साबित होती है। इससे हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी अन्य बीमारियों से बचने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा अमेरिका में एक अन्य रिसर्च के अनुसार प्याज और लहसुन के नियमित इस्तेमाल से कई प्रकार के कैंसर से लड़ने में भी मदद मिलती है।
नमक का हार्ट डिजीज से संबंध नहीं
यूके में हुई एक रिसर्च के मुताबिक, अगर आप यह सोचते हैं कि कम नमक खाने से दिल की बीमारियों से बचे रह सकते हैं तो आप गलत हैं। ज्यादा नमक खाने और दिल की बीमारी का आपस में कोई रिश्ता नहीं पाया गया है। यह इस थ्योरी को खारिज करता है नमक के ज्यादा सेवन से दिल के दौरे और कार्डियोवस्क्यूलर बीमारी का खतरा होता है। यह नतीजा 462 लोगों पर किए गए परीक्षण के बाद निकाला गया है। हालांकि, इसमें यह जरूर कहा गया है कि असामान्य रूप से हाई ब्लडप्रेशर के शिकार लोगों के लिए कम नमक खाना फायदेमंद हो सकता है।
स्मोकिंग करने वाले सिर्फ बाहर से दुबले
ऑस्ट्रेलिया में हुई एक स्टडी बताती है कि अगर आप रोजाना सिगरेट के कुछ कश लेते हैं तो इससे आपका शरीर तो दुबला हो जाता है, लेकिन शरीर के अंदर मौजूद अहम अंगों के इर्द-गिर्द चर्बी जमा हो सकती है। स्मोकिंग करने वाले लोग मोटे इसलिए नहीं होते क्योंकि उनकी मांसपेशियां ढीली होने लगती हैं लेकिन उनके अहम अंगों जैसे कि लीवर, फेफड़े, हार्ट के आसपास फैट जमा होने लगता है।
इसके मुताबिक प्याज 'क्वेरसेटिन' नामक तत्व का बढि़या स्त्रोत है। ऐसे भोजन जिसमें कंपाउंड्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हों, उन्हें 'फ्लेवोनॉइड्स' के नाम से जाना जाता है और इसके सेवन से दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। ब्रिटेन स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ फूड रिसर्च की एक टीम ने अपनी स्टडी में 'क्वेरसेटिन' नामक कंपाउंड पर अपना ध्यान केंद्रित किया जो मुख्य रूप से चाय, प्याज, सेब और रेड वाइन में पाया जाता है। स्टडी में क्वेरसेटिन के टूटने के बाद शरीर पर पड़ने वाले इसके असर का परीक्षण किया। पाया गया कि यह पुराने सूजन को कम करने में मददगार होता है, जो धमनियों को कमजोर कर सकता है।
रिसर्च में पाया गया कि कंपाउंड्स की थोड़ी मात्रा, जोकि 100 से 200 ग्राम प्याज खाने से प्राप्त किया जा सकता है, सूजन को कम करने में बेहद असरदार साबित होती है। इससे हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी अन्य बीमारियों से बचने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा अमेरिका में एक अन्य रिसर्च के अनुसार प्याज और लहसुन के नियमित इस्तेमाल से कई प्रकार के कैंसर से लड़ने में भी मदद मिलती है।
नमक का हार्ट डिजीज से संबंध नहीं
यूके में हुई एक रिसर्च के मुताबिक, अगर आप यह सोचते हैं कि कम नमक खाने से दिल की बीमारियों से बचे रह सकते हैं तो आप गलत हैं। ज्यादा नमक खाने और दिल की बीमारी का आपस में कोई रिश्ता नहीं पाया गया है। यह इस थ्योरी को खारिज करता है नमक के ज्यादा सेवन से दिल के दौरे और कार्डियोवस्क्यूलर बीमारी का खतरा होता है। यह नतीजा 462 लोगों पर किए गए परीक्षण के बाद निकाला गया है। हालांकि, इसमें यह जरूर कहा गया है कि असामान्य रूप से हाई ब्लडप्रेशर के शिकार लोगों के लिए कम नमक खाना फायदेमंद हो सकता है।
स्मोकिंग करने वाले सिर्फ बाहर से दुबले
ऑस्ट्रेलिया में हुई एक स्टडी बताती है कि अगर आप रोजाना सिगरेट के कुछ कश लेते हैं तो इससे आपका शरीर तो दुबला हो जाता है, लेकिन शरीर के अंदर मौजूद अहम अंगों के इर्द-गिर्द चर्बी जमा हो सकती है। स्मोकिंग करने वाले लोग मोटे इसलिए नहीं होते क्योंकि उनकी मांसपेशियां ढीली होने लगती हैं लेकिन उनके अहम अंगों जैसे कि लीवर, फेफड़े, हार्ट के आसपास फैट जमा होने लगता है।
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लिखते रहिये!!