एक बिच्छू का जहर एक खास तरह की दिल की बीमारी का इलाज कर सकता है। पश्चिमी महाराष्ट्र में पाए जाने वाले लाल बिच्छू के जहर में ऐसी केमिकल क्वॉलिटी होती हैं, जिससे बुगाडा सिंड्रोम नाम की दिल की एक बीमारी ठीक हो सकती है। जानीमानी मेडिकल जर्नल लैंसेट में यह बात कही गई है।
महाराष्ट्र के डॉक्टर हिम्मत बावस्कर ने जर्नल में यह दावा किया है। वह महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के महाड़ में पिछले तीन दशक से इस मामले पर रिसर्च कर रहे हैं। बावस्कर का दावा ऐसे समय में आया है, जब दुनिया भर के वैज्ञानिक जहर से दवाई बनाने पर रिसर्च कर रहे हैं। कैलिफॉर्निया के सिनाई मेडिकल सेंटर ने जहर से ऐसी दवा विकसित की है, जो ब्रेन ट्यूमर के इलाज में मदद कर सकती है।
बावस्कर कहते हैं कि अगर वैज्ञानिक लाल बिच्छू के जहर से सोडियम चैनल स्टिम्यूलेटर को अलग कर दें, तो ब्रूगाडा सिंड्रोम के मरीज को बचाया जा सकता है। यह एक ऐसी वंशानुगत बीमारी है, जो दिल की धड़कनों में भारी गड़बड़ी कर युवाओं की अचानक मौत का कारण बन जाती है। हालांकि इस बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या भारत से कहीं ज्यादा जापान, सऊदी अरब, रूस और कई यूरोपीय देश में है।
महाराष्ट्र के डॉक्टर हिम्मत बावस्कर ने जर्नल में यह दावा किया है। वह महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के महाड़ में पिछले तीन दशक से इस मामले पर रिसर्च कर रहे हैं। बावस्कर का दावा ऐसे समय में आया है, जब दुनिया भर के वैज्ञानिक जहर से दवाई बनाने पर रिसर्च कर रहे हैं। कैलिफॉर्निया के सिनाई मेडिकल सेंटर ने जहर से ऐसी दवा विकसित की है, जो ब्रेन ट्यूमर के इलाज में मदद कर सकती है।
बावस्कर कहते हैं कि अगर वैज्ञानिक लाल बिच्छू के जहर से सोडियम चैनल स्टिम्यूलेटर को अलग कर दें, तो ब्रूगाडा सिंड्रोम के मरीज को बचाया जा सकता है। यह एक ऐसी वंशानुगत बीमारी है, जो दिल की धड़कनों में भारी गड़बड़ी कर युवाओं की अचानक मौत का कारण बन जाती है। हालांकि इस बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या भारत से कहीं ज्यादा जापान, सऊदी अरब, रूस और कई यूरोपीय देश में है।
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