नई दिल्ली। बड़े महानगरों से होकर छोटे-बडे़ शहरों में फास्ट फूड कंपनियों की अंधाधुंध तरीके से फैलती दुकानों के कारण पनप रही फास्ट फूड संस्कृति मोटापा, मधुमेह, रक्त चाप और हृदय की बीमारियां बढ़ा रही है।
फास्ट फूड के बढ़ते चलन से मोटापे की समस्या तेजी से फैल रही है जो हृदय की बीमारियों को बढ़ाने वाला एक प्रमुख कारण है। विश्व हृदय दिवस पर प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डा. पुरुषोत्तम लाल ने बताया कि मौजूदा समय में फास्ट फूड के बढ़ते प्रचलन के अलावा महानगरीय विलासिता पूर्ण रहन-सहन, गलत खान-पान, धूम्रपान, शराब सेवन, व्यायाम से बचने की प्रवृत्ति तथा मानसिक परेशानियों के कारण भी हृदय रोगों में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। भारत में जिस तेजी से हृदय रोग बढ़ रहे हैं उसे देखते हुए आने वाले समय में विश्व भर में हृदय रोगों के सबसे अधिक मरीज भारत में हो सकते है।
हृदय रोगों की रोकथाम के उपायों के बारे में जागरूकता कायम करने के उद्देश्य से विश्व भर में सितंबर का अंतिम रविवार विश्व हृदय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि सन 2010 तक दुनिया भर में जितने हृदय रोगी होंगे उनमें से 60 प्रतिशत रोगी भारत में होंगे तथा सन 2012 तक हर दसवें भारतीय की मौत दिल के दौरे से होगी। यही नहीं भारत में हृदय रोगों से मरने वालों की संख्या 2015 तक दोगुनी हो जाएगी।
आज न केवल बुजुर्ग, बल्कि युवा भी हृदय रोगों के ग्रास बन रहे हैं। महिलाएं भी इसका शिकार बन रही हैं, जबकि एक समय वे हृदय रोगों से मुक्त मानी जाती थी। एम्स के कार्डियोलाजी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा.एस सी मनचंदा का कहना है कि आने वाले समय में संक्रामक रोगों का प्रकोप घटने वाला है, लेकिन जीवन शैली से जुड़े रोगों खासतौर पर हृदय रक्त वाहिका रोगों एवं कैंसर का प्रकोप बढ़ने वाला है।
अध्ययनों से पता चला है कि भारत में हृदय रोगों के बढ़ते प्रकोप के लिए हाइपरटेंशन अथवा उच्च रक्त चाप भी काफी हद तक जिम्मेदार हैं। भारत में हृदय रोगों के सभी मामलों में से 24 प्रतिशत मामलों में उच्च रक्तचाप सीधे तौर पर जिम्मेदार होता है। यही नहीं, दिल के दौरे के कारण होने वाली मौतों में से 57 प्रतिशत मौतों का सीधा संबंध उच्च रक्तचाप से है। अनुमानों के अनुसार गांवों में रहने वाले तीन करोड़ 51 लाख लोग तथा शहरों में रहने वाले तीन करोड़ 40 लाख लोग उच्च रक्तचाप से ग्रस्त हैं।
मेट्रो हास्पिटल्स एंड हार्ट इन्स्टीच्यूट तथा मेट्रो ग्रुप आफ हॉस्पिटल्स दिल्ली के चेयरमैन डा. लाल के अनुसार उच्च रक्तचाप ऐसी बीमारी है जिसका मरीजों को वर्षो तक आभास ही नहीं होता। इसीलिए इसे खामोश हत्यारा कहा गया है, क्योंकि यह आम तौर पर कोई लक्षण नहीं प्रकट करता है। कई बार मरीज को सांस लेने में दिक्कत, सिर दर्द और चक्कर आने जैसी समस्याएं होती है। लेकिन मरीज इन लक्षणों की आम तौर पर अनदेखी कर देते है।
डा. मनचंदा के अनुसार दिल की बीमारियों के प्रकोप में बढ़ोत्तरी होने का एक कारण लोगों में बढ़ता मोटापा है। उन्होंने एक वैज्ञानिक अध्ययन के हवाले से बताया कि मोटे व्यक्ति को पतले व्यक्ति की तुलना में सात साल पहले हृदय रोग हो सकते है। अध्ययनों में पाया गया है कि जो व्यक्ति जितना अधिक वजन का होगा उसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह और कोलेस्ट्रोल की समस्याएं उतनी ही अधिक होगी।
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