लंदन (पीटीआई) : अगर आपको बढ़ती उम्र की चिंता सता रही है तो जनाब रोजाना एक चम्मच शहद (हनी) लेना शुरू कर दीजिए। जी हां, वैज्ञानिकों का कहना है कि शहद न सिर्फ बढ़ती उम्र के असर को कम करता है, बल्कि चिंता और तनाव को घटाने में भी मददगार है।
खास गुण की वजह से ऐसा मुमकिन
न्यूजीलैंड की यूनिवसिर्टी ऑफ वीकार्टो की निकोल स्टार्की ने अखबार डेली मेल में शुक्रवार को छपी रिपोर्ट में बताया- बढ़ती उम्र में तनाव कम करने और मेमरी बढ़ाने में शहद के इस्तेमाल से बनी खाने-पीने की चीजें फायदेमंद साबित हो सकती हैं। उनका कहना है कि शहद के एंटी ऑक्सिडंट गुणों के कारण ऐसा मुमकिन है।
चूहों पर किया गया एक्सपेरिमेंट
स्टार्की और इसी यूनिवर्सिटी की लिन ने शहद की इस खासियत का पता लगाने के लिए चूहों पर स्टडी की। उन्होंने कुछ चूहों को एक साल तक 10 फीसदी शहद, 8 फीसदी सूक्रोज या बिना शुगर वाली डाइट पर रखा। ट्रायल शुरू होते समय चूहों की उम्र 2 महीने थी। इसके बाद हर 3 महीने पर बढ़ती उम्र के साथ तनाव और मेमरी का आकलन करने के लिए उनका टेस्ट किया गया। जिन चूहों को शहद वाली खुराक दी गई उनका प्रदर्शन टेस्ट के दौरान इस पैमाने पर सूक्रोज की खुराक लेने वाले चूहों के मुकाबले दोगुना बेहतर पाया गया। उनमें तनाव भी कम पाया गया। शहद वाली खुराक लेने वाले चूहों की मेमरी भी दूसरे चूहों से बेहतर पाई गई।
सदियों से है इसकी अहमियत
प्राचीन काल से ही शहद का इस्तेमाल खाने, दवाओं और ब्यूटी ट्रीटमेंट के लिए किया जाता रहा है। इसका इस्तेमाल ऐंटिसेप्टिक के रूप में अल्सर, जलने और दूसरे जख्मों के इलाज में भी होता रहा है। शहद में बहुत से सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं। मान्यता है कि कैंसर और इन्फेक्शन से लड़ने में शहद शरीर की मदद करता है।
खास गुण की वजह से ऐसा मुमकिन
न्यूजीलैंड की यूनिवसिर्टी ऑफ वीकार्टो की निकोल स्टार्की ने अखबार डेली मेल में शुक्रवार को छपी रिपोर्ट में बताया- बढ़ती उम्र में तनाव कम करने और मेमरी बढ़ाने में शहद के इस्तेमाल से बनी खाने-पीने की चीजें फायदेमंद साबित हो सकती हैं। उनका कहना है कि शहद के एंटी ऑक्सिडंट गुणों के कारण ऐसा मुमकिन है।
चूहों पर किया गया एक्सपेरिमेंट
स्टार्की और इसी यूनिवर्सिटी की लिन ने शहद की इस खासियत का पता लगाने के लिए चूहों पर स्टडी की। उन्होंने कुछ चूहों को एक साल तक 10 फीसदी शहद, 8 फीसदी सूक्रोज या बिना शुगर वाली डाइट पर रखा। ट्रायल शुरू होते समय चूहों की उम्र 2 महीने थी। इसके बाद हर 3 महीने पर बढ़ती उम्र के साथ तनाव और मेमरी का आकलन करने के लिए उनका टेस्ट किया गया। जिन चूहों को शहद वाली खुराक दी गई उनका प्रदर्शन टेस्ट के दौरान इस पैमाने पर सूक्रोज की खुराक लेने वाले चूहों के मुकाबले दोगुना बेहतर पाया गया। उनमें तनाव भी कम पाया गया। शहद वाली खुराक लेने वाले चूहों की मेमरी भी दूसरे चूहों से बेहतर पाई गई।
सदियों से है इसकी अहमियत
प्राचीन काल से ही शहद का इस्तेमाल खाने, दवाओं और ब्यूटी ट्रीटमेंट के लिए किया जाता रहा है। इसका इस्तेमाल ऐंटिसेप्टिक के रूप में अल्सर, जलने और दूसरे जख्मों के इलाज में भी होता रहा है। शहद में बहुत से सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं। मान्यता है कि कैंसर और इन्फेक्शन से लड़ने में शहद शरीर की मदद करता है।
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