न धुआँ, न भभूत, न बड़े-बड़े बोल और न ही भगवा चोला। किस्से-कहानियों और किंवदंतियों को खंगालने की हमारी इस कोशिश में इस बार हम आपको मिलवा रहे हैं एक ऐसी शख्सियत से, जिसका दावा है कि वह साँप-बिच्छू का जहर अपनी मंत्रशक्ति से उतार सकता है, वह भी सिर्फ फोन पर।
यह बात पढ़कर आप चौंक गए न। हम भी इसी तरह चौंके थे। क्या ऐसा हो सकता है? क्या यह सच है? कोरी बकवास लगती है। ऐसे ही कई विचार हमारे दिमाग में भी घुमड़ने लगे थे। फिर क्या था, हमने शुरू किया सफर इस दावे की तह तक पहुँचने का। सफर की शुरुआत हुई इंदौर की रामबाग कॉलोनी से। यहाँ पहुँचकर हमने जहर उतारने वाले बाबा के बारे में जानकारी जानना चाही। जहर उतारने वाले बाबा। यह सुन पंक्चर बनाने वाला मुन्नू हँसने लगा और हमें रास्ता दिखाते हुए पुलिस क्वार्टर्स तक ले गया।
पुलिस क्वार्टर!! और जहर उतारने वाला बाबा, बात कुछ जँची नहीं। हमें लगा कि मुन्नू महाशय हमें 'मामा' बना रहे हैं। हमने पास से गुजरने वाले एक आरक्षक से यही बात पूछी। उन्होंने बताया, जी हाँ, यहीं तो हेड साहब रहते हैं। फिर बातों ही बातों में पता चला कि यशवंत भागवत नामक यह व्यक्ति पुलिस महकमे में हेड कांस्टेबल के पद पर कार्यरत हैं और पिछले 25 सालों से फोन पर साँप का जहर उतारते हैं।
जानकारी मिलते ही हम मुखातिब हुए यशवंत भागवत से। भागवतजी ने बताया पहले वे मरीज से रूबरू होने पर ही उसका जहर उतार सकते थे, लेकिन बाद में मंत्रों में कुछ शब्दों का हेरफेर कर फोन पर ही जहर उतार लेने की विधि ईजाद कर ली। इस बात की जानकारी फैलते ही यशवंत भागवत का फोन लगातार घनघनाने लगा।
अपने हुनर की खासियत बताते हुए श्री भागवत कहते हैं कि वे पीड़ित व्यक्ति से उसका, उसकी माँ का नाम और उसके रहने का पता पूछते हैं। फिर मंत्रोच्चार द्वारा जहर उतारने की अनूठी विद्या शुरू करते हैं। जब उन्हें लगता है कि जहर पूरी तरह से उतर चुका है तो वे मरीज को नारियल फोड़ने के लिए कहते हैं। इसके बाद मरीज को नमक चटाया जाता है। यदि मरीज को नमक का स्वाद खारा लगता है तो जहर उतरा माना जाता है।
यह बात पढ़कर आप चौंक गए न। हम भी इसी तरह चौंके थे। क्या ऐसा हो सकता है? क्या यह सच है? कोरी बकवास लगती है। ऐसे ही कई विचार हमारे दिमाग में भी घुमड़ने लगे थे। फिर क्या था, हमने शुरू किया सफर इस दावे की तह तक पहुँचने का। सफर की शुरुआत हुई इंदौर की रामबाग कॉलोनी से। यहाँ पहुँचकर हमने जहर उतारने वाले बाबा के बारे में जानकारी जानना चाही। जहर उतारने वाले बाबा। यह सुन पंक्चर बनाने वाला मुन्नू हँसने लगा और हमें रास्ता दिखाते हुए पुलिस क्वार्टर्स तक ले गया।
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जानकारी मिलते ही हम मुखातिब हुए यशवंत भागवत से। भागवतजी ने बताया पहले वे मरीज से रूबरू होने पर ही उसका जहर उतार सकते थे, लेकिन बाद में मंत्रों में कुछ शब्दों का हेरफेर कर फोन पर ही जहर उतार लेने की विधि ईजाद कर ली। इस बात की जानकारी फैलते ही यशवंत भागवत का फोन लगातार घनघनाने लगा।
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